रिटायरमेंट के बाद 7 आसान तरीके जीवन जीने के लिए
जब भी रिटायरमेंट की बात आती है तो हर कोई यह चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद का जीवन सुखमय और ऎसा हो कि अपने सभी सपने आसानी से पूरे किए जा सकें, लेकिन यह भी सच है कि रिटायरमेंट के बाद एशो-आराम का जीवन जीने के लिए आज ही तैयारी करनी पड़ती है। ज्यादातर लोग यह तय नहीं कर पाते कि उन्हें ऎसा क्या करना चाहिए कि रिटायरमेंट के बाद भी उनका जीवन आसानी से चलता रहे। इसके लिए आप अपना सकते हैं यह 7 आसान तरीके -1. बचत करें
आरामदायक रिटायरमेंट के लिए सबसे पहला रूल है बचत करें। आपकी बचत इतनी होनी चाहिए कि आपका जीवन खत्म होने से पहले यह खत्म नहीं होनी चाहिए। इसके लिए आपको कैलकुलेशन करनी होगी। इस कैलकुलेशन में मंदी और मेडिकल एक्सपेंसिस को खासतौर से जोड़ें और इसके लिए एक्स्ट्रा सेव करें।
2. रिटायरमेंट राशि को डिवाइड करें
अपनी रिटायरमेंट राशि को दो हिस्सों में बांटें। इसमें से एक हिस्सा आपकी नॉर्मल रिटायरमेंट यानी कि 58 से 60 साल की उम्र के बीच रिटायरमेंट के लिए होगा और दूसरा उस केस के लिए जब आप पहले ही रिटायरमेंट लेना चाहें। इससे आपको साइकोलॉजिकल कंफर्ट भी मिल सकेगा।
3. रातों-रात अमीर होने की स्कीम्स से दूर रहें
हर कोई जल्द से जल्द अमीर होना चाहता है, लेकिन अमीर होने के लालच में कुछ लोग अपनी सारी पूंजी गंवा देते हैं। रातों-रात अमीर करने वाली स्कीम्स से दूर रहें और फर्जी कंपनियो के साथ रिटायरमेंट प्लान करने से बचें।
4. बाजार से डरने की जरूरत नहीं है
अपने इक्विटी पोर्टफोलियो को डावइर्सिफाई कर कैलकुलेटिड रिस्क लें, नाकि आंखें बंद कर कहीं भी इनवेस्ट करें। जल्दी रिटायरमेंट लेने की सोच रहे लोगों के लिए यूलिप प्लान बेहतर रिटर्न देता है। इसके अलावा लाइफ इंश्यॉरेंस पॉलिसीज के जरिए इनवेस्ट करने से आपको प्रोटेक्शन तो मिलता है साथ ही आपका परिवार भी सुरक्षित हो जाता है।
5. वार्षिक कैश जरूरतों को कैलकुलेट करें
रिटायरमेंट के बाद मासिक आय बहुत मायने रखती है। उसी पर घर खर्च, मेडिकल खर्च आदि निर्भर रहता है। ऎसे में यह बेहद जरूरी है कि अभी से ही भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह हिसाब लगाया जाए कि एक साल कि कितने कैश की जरूरत पड़ने वाली है और उस हिसाब से इनवेस्टमेंट करें।
6. टैक्स-स्थगन का लाभ उठाएं
जल्दी रिटायरमेंट में टैक्स डिफरमेंट अहम किरदार निभाता है। टैक्स डिफरमेंट का मतलब होता है वर्तमान में कम टैक्स भरना। अगर आप कम टैक्स भरेंगे तो ज्यादा बचत कर सकेंगे। आपको एफडी पर मैच्यॉरिटी के वक्त टैक्स भरना पड़ता है, जबकि लाइफ इंश्यॉरेंस में आपकी इनवेस्टमेट की मैच्यॉरिटी एक-तिहाई टैक्स-फ्री होती है।
7. रिटायरमेंट के बाद कमाई के अन्य साधन भी तलाशें
हर व्यक्ति की कोई न कोई हॉबी जरूर होती है। रिटायरमेंट के बाद इसी हॉबी के जरिए पैसे कमाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको रेगुलर शेड्यूल भी नहीं अपनाना होता। आप ट्रेनर बन सकते हैं, ब्लॉगर बन सकते हैं या कंसल्टेंट बन सकते हैं। इससे आप बोर भी नहीं होंगे और कुछ पैसे भी कमा सकेंगे। -
No comments:
Post a Comment